उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास और किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों के तहत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए Fish Farming Subsidy Yojana की शुरुआत की है। मत्स्य पालन को आधुनिक और व्यावसायिक रूप देने के उद्देश्य से इन योजनाओं के तहत सब्सिडी, प्रशिक्षण और आवश्यक उपकरणों पर सहायता प्रदान की जा रही है। यह योजना खासतौर पर उन किसानों और मछुआ समुदायों के लिए है जो तालाबों में मछली पालन कर आय अर्जित करते हैं।
मत्स्य विभाग की ओर से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू हो चुकी है और इच्छुक लाभार्थी 14 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.up.gov.in पर जाकर जरूरी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस योजना के अंतर्गत क्या-क्या लाभ मिलेंगे और कैसे आवेदन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना
उत्तर प्रदेश सरकार की यह प्रमुख योजना है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
- इस योजना के तहत ग्राम पंचायत या निजी तालाबों पर मत्स्य पालन करने वालों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- प्रति हेक्टेयर यूनिट लागत 4 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
- यह योजना मुख्य रूप से पट्टे पर तालाब लेकर मछली पालन करने वाले किसानों और मछुआरों के लिए है।
- इस योजना के अंतर्गत बीज बैंक की स्थापना पर भी सरकार सहायता दे रही है, जिससे मछली बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
निषादराज बोट सब्सिडी योजना
मत्स्य समुदायों के लिए यह योजना अत्यंत लाभकारी है, खासकर उनके लिए जो पारंपरिक तरीकों से मछली पकड़ने का कार्य करते हैं।
- इस योजना के अंतर्गत नाव, जाल और इंसुलेटेड आइस बॉक्स जैसी उपयोगी वस्तुओं पर सहायता दी जाती है।
- प्रति इकाई लागत 77,050 रुपये निर्धारित की गई है।
- सरकार इसमें 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है।
- इस योजना से मछुआरों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और उत्पादन में वृद्धि होती है।
एरेशन सिस्टम स्थापना योजना
आधुनिक मत्स्य पालन में ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति अत्यंत आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एरेशन सिस्टम की स्थापना हेतु सब्सिडी योजना शुरू की है।
- सघन मत्स्य पालन हेतु एरेशन सिस्टम की इकाई लागत 50,000 रुपये है।
- इसमें सरकार 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
- यह प्रणाली मछलियों की वृद्धि दर को बेहतर बनाती है और उनकी मृत्यु दर को कम करती है।
- इससे मछली पालन अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनता है।
मोपेड विथ आइस बॉक्स योजना
छोटे मत्स्य व्यापारियों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी है, जो मछलियों को बाजार तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।
- योजना के अंतर्गत आइस बॉक्स सहित मोपेड की इकाई लागत 60,000 रुपये है।
- इसमें भी 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- इस योजना के जरिए मछलियों को ताजगी के साथ बाजार तक पहुंचाना आसान हो जाता है।
- इससे न केवल बिक्री में वृद्धि होती है बल्कि आय भी स्थिर रहती है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
इन सभी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा। विभाग ने इसके लिए पोर्टल विकसित किया है जिसमें सभी योजनाओं के फॉर्म और दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की जानकारी नीचे दी गई तालिका में देखें:
| प्रक्रिया | विवरण |
|---|---|
| आवेदन की शुरुआत तिथि | 24 जुलाई 2025 |
| अंतिम तिथि | 14 अगस्त 2025 |
| आवेदन पोर्टल | fisheries.up.gov.in |
| आवेदन का तरीका | ऑनलाइन |
| आवश्यक दस्तावेज | आधार कार्ड, भूमि पट्टा, बैंक पासबुक, फोटो, योजना संबंधित दस्तावेज |
| नोटिफिकेशन डाउनलोड | डाउनलोड करें |
निष्कर्ष
Fish Farming Subsidy Yojana उत्तर प्रदेश सरकार की एक दूरदर्शी योजना है जो न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देती है, बल्कि किसानों और मछुआरों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करती है। विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी, आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं मछली पालन को व्यावसायिक रूप देने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। इच्छुक लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि से पहले आवेदन अवश्य करें और सभी आवश्यक दस्तावेजों को सही ढंग से संलग्न करें ताकि वे समय पर योजना का लाभ उठा सकें।
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