भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर नोटों की सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी की जाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है जनता को नकली और असली नोटों की पहचान करवाना। आजकल डिजिटल प्रिंटिंग और उन्नत स्कैनिंग तकनीकों के कारण नकली नोट को असली जैसा बनाना आसान हो गया है। इस स्थिति में जरूरी हो गया है कि हर नागरिक नकली नोट पहचानने की तकनीक और तरीकों से परिचित हो।
छोटे नोटों को बनाया जा रहा है निशाना
2000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने के बाद ठगों ने अब छोटे नोटों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। 100, 200 और 500 रुपये के नोट आमतौर पर हर जगह लेन-देन में उपयोग होते हैं। ठग इनका उपयोग करके लोगों को आसानी से भ्रमित कर सकते हैं। खासकर छोटे दुकानदार और ग्राहक जल्दी इनके जाल में फंसते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को नकली नोटों की पहचान होनी जरूरी है।
100 रुपये के नोट की पहचान कैसे करें
100 रुपये के नोट में कई ऐसे संकेत होते हैं जिनसे आप उसकी असलियत को पहचान सकते हैं:
- सी-थ्रू नंबर: रोशनी में देखने पर स्पष्ट दिखाई देता है।
- वॉटरमार्क: गांधी जी की हल्की छवि।
- सुरक्षा धागा: झुकाने पर हरे से नीले रंग में बदलता है।
- प्रिंटिंग क्वालिटी: असली नोट की छपाई और रंग बहुत साफ और चमकदार होते हैं।
अगर इन सभी बिंदुओं की सही पहचान कर लें, तो नकली नोट को पकड़ना आसान हो जाएगा।
200 रुपये के नोट में ध्यान देने योग्य बातें
200 रुपये के नोट में निम्न विशेषताएं होती हैं:
- देवनागरी में ‘200’ लिखा होता है।
- गांधी जी की मुख्य तस्वीर बीच में होती है।
- माइक्रो लेटरिंग में ‘RBI’, ‘भारत’ और ‘200’ लिखा होता है।
- सुरक्षा धागा मौजूद होता है जो रंग बदलता है।
इन सब संकेतों को ध्यानपूर्वक जांचकर आप असली और नकली नोट में फर्क कर सकते हैं।
500 रुपये के नोट की विशेष पहचान
500 रुपये का नोट सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है। इसकी पहचान निम्न प्रकार से की जा सकती है:
- रंग बदलने वाला सुरक्षा धागा।
- गांधी जी की तस्वीर और अशोक स्तंभ उभरे हुए होते हैं।
- कागज की गुणवत्ता: कपास व लिनन से बना होता है, हल्का खुरदुरा लगता है।
- छपाई साफ और रंग स्पष्ट होते हैं।
यदि इन संकेतों की जानकारी आपके पास है, तो नकली नोट को पकड़ना कठिन नहीं है।
नकली नोट की पहचान में मददगार तकनीक
आज की तकनीक नकली नोट की पहचान में बहुत सहायक बन चुकी है:
- UV लाइट: नोट की सुरक्षा विशेषताओं को उजागर करती है।
- मोबाइल ऐप्स: जो नोट स्कैन कर उसकी सत्यता जांच सकते हैं।
- मैग्निफाइंग ग्लास: माइक्रो लेटरिंग और छुपे चिन्ह देखने में सहायक।
यदि आप चाहें तो बैंक या विश्वसनीय स्रोत से ऐसे उपकरण प्राप्त कर सकते हैं।
नकली नोट मिलने पर क्या करें?
अगर गलती से नकली नोट आपके पास आ जाए, तो उसे उपयोग में ना लाएं। यह कानूनन अपराध है। आपको निम्न कार्य करने चाहिए:
- नोट को बैंक में जाकर दिखाएं।
- पुलिस को जानकारी दें, खासकर अगर पता हो कि नोट कहां से मिला है।
- बैंक नोट जब्त कर रसीद देगा, जिससे आप अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो सकते हैं।
नकली नोट से बचने के उपाय
- हमेशा नोट को रोशनी में देखकर जांचें।
- बड़े लेनदेन में सतर्कता रखें।
- अज्ञात स्रोत से नोट न लें।
- ATM और बैंक जैसे विश्वसनीय स्रोतों से ही नोट प्राप्त करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को भी जागरूक बनाएं।
हर नागरिक की जिम्मेदारी
नकली नोट केवल बैंकिंग सिस्टम की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है। यदि हर नागरिक सतर्क हो जाए और जागरूकता फैलाए, तो इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। दुकानदारों को अपने कर्मचारियों को नोट पहचानने की ट्रेनिंग देनी चाहिए और हर व्यक्ति को नोटों की पहचान की जानकारी होनी चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन और नोटिफिकेशन से जुड़ी जानकारी
| क्र.सं. | विवरण | लिंक |
|---|---|---|
| 1 | नोटिफिकेशन डाउनलोड करें | यहां क्लिक करें |
| 2 | ऑनलाइन आवेदन करें | यहां क्लिक करें |
निष्कर्ष
नकली नोटों की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। परंतु सही जानकारी, तकनीकी सहायता और नागरिक की जिम्मेदारी से इसे रोका जा सकता है। जब भी कोई नोट आपके हाथ में आए, तो उसे ध्यान से जांचें, सतर्क रहें और दूसरों को भी सतर्क करें। हर छोटा कदम इस बड़ी समस्या को हल करने में मददगार हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। लेख की जानकारी से हुए किसी नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होगा।
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