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बेटियों को मिलेंगे ₹1.50 लाख, आवेदन प्रक्रिया शुरू Lado Protsahan Yojana

राजस्थान सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण और उनके सुरक्षित भविष्य के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में बेटियों के जन्म से लेकर उनकी स्नातक शिक्षा तक आर्थिक सहयोग प्रदान करना है ताकि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हो सके। यह योजना 1 अगस्त 2024 से पूरे राज्य में लागू कर दी गई है और इसके तहत अब तक लाखों बालिकाओं का पंजीकरण हो चुका है। लाडो योजना के माध्यम से सरकार ने बेटियों को मजबूत बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। पहले इस योजना में बेटियों को ₹1 लाख की सहायता दी जाती थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹1.50 लाख कर दिया गया है। यह राशि बेटियों को सात अलग-अलग चरणों में प्रदान की जाएगी जिसमें जन्म से लेकर उनकी स्नातक शिक्षा पूर्ण होने तक की सहायता शामिल है।

सात चरणों में मिलेगी ₹1.50 लाख की सहायता राशि

लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत कुल ₹1.50 लाख की सहायता राशि बेटियों को सात चरणों में दी जाएगी। पहला चरण बालिका के जन्म के समय होगा जब उसका पंजीकरण अस्पताल में ही कर दिया जाएगा। इसके बाद टीकाकरण, स्कूल प्रवेश, कक्षा 1, कक्षा 6, कक्षा 10, कक्षा 12 और स्नातक की पढ़ाई पूरी होने पर किस्तें प्रदान की जाएंगी। अंतिम किस्त सबसे अधिक होगी जो कि ₹1 लाख की होगी और यह स्नातक शिक्षा पूरी करने पर ही मिलेगी। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से स्थानांतरित की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और राशि का उपयोग बालिका के हित में ही होगा।

योजना का उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना

लाडो योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। राजस्थान जैसे राज्य में जहां कई जगहों पर बेटियों को बोझ समझा जाता है वहां यह योजना समाज की सोच बदलने में सहायक सिद्ध होगी। सरकार चाहती है कि इस योजना से बेटियों की पढ़ाई बीच में न छूटे और बाल विवाह की प्रथा में कमी आए। जब परिवारों को यह विश्वास होगा कि उनकी बेटी की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी तो वे उसे स्कूल और कॉलेज भेजने में संकोच नहीं करेंगे। यही कारण है कि इस योजना में स्नातक तक की पढ़ाई को शामिल किया गया है ताकि बेटियां आत्मनिर्भर बनें और स्वयं के पैरों पर खड़ी हो सकें।

योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से

यह योजना राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। विभाग ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि बालिका के जन्म के समय उसका पंजीकरण तुरंत कर लिया जाए। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे लाभार्थी परिवारों से समय-समय पर संपर्क कर योजना की स्थिति बताएं। योजना की पूरी जानकारी और पंजीकरण का डाटा PCTS पोर्टल पर चिकित्सा विभाग द्वारा संधारित किया जा रहा है जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान

लाडो प्रोत्साहन योजना में आवेदन प्रक्रिया को बेहद आसान रखा गया है ताकि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें। बालिका के जन्म के समय सरकारी अस्पताल में उसका पंजीकरण स्वतः हो जाएगा। यदि किसी कारणवश पंजीकरण नहीं हुआ तो लाभार्थी परिवार आंगनबाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों में जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का जनाधार नंबर, विवाह प्रमाण पत्र और बैंक खाता विवरण शामिल हैं। ये दस्तावेज पंजीकरण के समय जमा करने होंगे ताकि भविष्य में राशि प्राप्त करने में कोई दिक्कत न हो।

लाडो योजना में राजश्री योजना को भी शामिल किया गया

गौरतलब है कि राजस्थान में पूर्व में बेटियों के लिए राजश्री योजना संचालित थी जिसके तहत भी आर्थिक सहायता दी जाती थी। अब सरकार ने राजश्री योजना को भी लाडो योजना में समाहित कर दिया है ताकि एक ही योजना के माध्यम से बेटियों को पूरी सहायता मिल सके। इससे योजनाओं का एकीकरण होगा और लाभार्थियों को अलग-अलग योजनाओं के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा। नई लाडो योजना में पहले की राजश्री योजना के सभी लाभ शामिल कर लिए गए हैं और साथ ही सहायता राशि में वृद्धि भी की गई है।

पात्रता की शर्तें और लाभार्थियों के लिए जरूरी बातें

लाडो योजना का लाभ केवल राजस्थान की मूल निवासी महिलाओं को मिलेगा। इसके लिए यह शर्त है कि बालिका का जन्म 1 अगस्त 2024 या उसके बाद हुआ हो। सरकारी अस्पताल या जननी सुरक्षा योजना से मान्यता प्राप्त निजी संस्थान में जन्म लेने वाली बालिकाएं स्वतः इस योजना के लिए पात्र हो जाएंगी। योजना का लाभ लेने के लिए समय पर टीकाकरण और स्कूल प्रवेश कराना जरूरी होगा क्योंकि किस्तों का वितरण इन्हीं पड़ावों के अनुसार किया जाएगा।

योजना से बेटियों को मिलेगा नया आत्मविश्वास

राजस्थान सरकार की लाडो प्रोत्साहन योजना बेटियों के लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। इससे न केवल उनकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच भी विकसित होगी। जब बेटियां शिक्षित होंगी तो वे स्वयं के अधिकारों के लिए जागरूक बनेंगी और समाज के हर क्षेत्र में अपनी मजबूत भागीदारी दर्ज कराएंगी। यह योजना राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

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